Cow Essay in Hindi – गाय पर निबंध

गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi – गाय भारत की एक महत्वपूर्ण पशु है। यही वजह है कि छोटी कक्षाओं के छात्रों के अंदर गाय को लेकर जागरूकता हो, इस सोच के साथ उन्हें गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने के लिए प्रेरित किया जाता है।

कई बार परीक्षा में भी महत्वपूर्ण अंकों के लिए गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने से संबंधित प्रश्न स्कूली छात्रों से पूछे जाते हैं। साथ ही कई ऐसे भी छात्र होते है जिनकी हिंदी विषय पर पकड़ बेहद कमजोर होती है, ऐसे में उन्हें गाय पर निबंध हिंदी में (Essay on Cow in hindi) लिखने में परेशानी महसूस हो सकती है। 

इस लेख में हम गाय के विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे। यह निबंध काफी सरल तथा ज्ञानवर्धक है। इन निबंधों के माध्यम से हमने गाय से जुड़े विभिन्न विषयों जैसे कि गाय को माता क्यों कहते हैं? गाय का भारतीय संस्कृति में महत्व क्या है? गौपालन का इतिहास क्या है? गाय सबसे अच्छा पालतू जीव क्यों है? गाय का खान-पान क्या है? गाय का उपयोग क्या है? आदि पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है।

Cow Essay in Hindi – गाय पर निबंध

गाय पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द)

प्रस्तावना

गाय एक पालतु पशु है। प्राचीन काल से ही गौ माता को देवी समान समझा जाता है। हर मंगल कार्य में गाय के ही चीजों का प्रयोग होता है। यहां तक की गाय के उत्सर्जी पदार्थ (गोबर, मूत्र) का भी इस्तेमाल होता है। जिसे पंचगव्य(दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र) की उपमा दी गयी है। इन तत्वों का औषधिय महत्व भी है। बहुत सारी दवाईयों के निर्माण में घी और गोमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है।

गाय की शारीरिक संरचना

गाय की शारीरिक संरचना में गाय के दो सींग, चार पैर, दो आंखे, दो कान, दो नथुने, चार थन, एक मुंह और एक बड़ी सी पूँछ होती है। गाय के खुर उन्हें चलने में मदद करते हैं। उनके खुर जुते का काम करते है तथा चोट और झटकों आदि से बचाते है। गाय की प्रजातियां पूरे विश्व भर में पाईं जाती है। कुछ प्रजातियों में सींग बाहर दिखाई नहीं देते। दुग्ध उत्पादन में भारत का समुचे विश्व में पहला स्थान है। गाय का दूध बेहद लाभदायक और पौष्टिक होता है।

गाय के महत्व

भारत में गाय का पौराणिक, आर्थिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्त्व है। पुराणों के अनुसार गाय की हत्या वर्जित है, यह जघन्य पाप है। भगवान शिव की सवारी नंदी गाय है।  धार्मिक और सामाजिक तौर पर गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। गाय आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। गाय से हमें घी, दूध, गोबर आदि प्राप्त होते है।

निष्कर्ष

भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। और भी बहुत पालतु जानवर है, लेकिन उन सबमें गाय का सर्वोच्च स्थान है। हम सभी को गाय के पौराणिक और सामाजिक महत्त्व को समझना चाहिए। हम सभी को गाय का सम्मान करना चाहिए।

निबंध – 2 (400 शब्द)

प्रस्तावना

गाय का दूध अति पौष्टिक होता है। नवजात शिशु भी, जिसे कुछ भी पिलाना मना होता है, उसे भी गाय का दूध दिया जाता है। शिशु से लेकर वृध्दावस्था तक हर उम्र के लोगों को गाय के दूध का सेवन करना चाहिए। बहुत से रोगों से लड़ने की ये हमें ताकत देता है। शिशुओं और रोगियों को विशेष रुप से इसे पीने की सलाह दी जाती है।

उपयोगिता

वैज्ञानिक भी इसके गुणों का बख़ान करते हैं। केवल दूध ही नहीं, इसके दूध से बने अन्य उत्पाद जैसे दही, मक्खन, पनीर, छाछ सभी डेयरी उत्पाद लाभदायक होते है। जहां पनीर खाने से प्रोटीन मिलता है। वहीं गाय का घी खाने से ताकत मिलती है। आयुर्वेद में तो इसका बहुत महत्व है। अगर किसी को अनिद्रा की शिकायत हो तो नाक में घी की केवल दो-दो बूंद डालने से यह बिमारी ठीक हो जाती है। साथ ही यदि रात में पैर के तलुओं में घी लगा कर सोया जाय तो बहुत अच्छी नींद आती है।

गाय के घृत का धार्मिक महत्व है। इससे हवन-पूजन आदि किया जाता है। और हमारे ऋषि-मुनि जो कुछ भी करते थे, उन सबके पीछे वैज्ञानिक कारण अवश्य होता था। जब गाय की घी और अक्षत(चावल) को हवन कुण्ड में डाला जाता है, तब अग्नि के सम्पर्क में आने पर बहुत सारी महत्वपूर्ण गैसें निकलती है, जो वातावरण के लिए उपयोगी होती हैं। गाय के घी में रेडियोधर्मी गैस को अवशोषित करने की अद्भुत क्षमता होती है। इतना ही नहीं हवन का धुआं वातावरण को शुध्द कर देता है। रुसी वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार एक चम्मच गाय के घी को आग में डालने से लगभग एक टन ऑक्सिजन का निर्माण होता है। यह काफी हैरतअंगेज बात है।

गायों की प्रमुख नस्लें : गायों की यूं तो कई नस्लें होती हैं, लेकिन भारत में मुख्‍यत: सहिवाल (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार), गीर (दक्षिण काठियावाड़), थारपारकर (जोधपुर, जैसलमेर, कच्छ), करन फ्राइ (राजस्थान) आदि हैं। विदेशी नस्ल में जर्सी गाय सर्वाधिक लोकप्रिय है। यह गाय दूध भी अधिक देती है। भारतीय गाय छोटी होती है, जबकि विदेशी गाय का शरीर थोड़ा भारी होता है।

गाय के रंग : गाय कई रंगों जैसे सफेद, काला, लाल, बादामी तथा चितकबरी होती है।

उपसंहार

गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। जैसे हमारे देश के लिए गांवो का महत्व है, उसी प्रकार गांवो के लिए गायों का महत्व है। पिछले कुछ सालों से गाय के जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे है। इसका प्रमुख कारण है – प्लास्टिक।

शहरों में हर चीज हमें प्लास्टिक में ही मिलता है। जिसे हम प्रयोग के बाद कूड़े-कचरे में फेंक देते है। जिसे चरने वाली मासूम गायें खा लेती है, और अपनी ज़ान गवा देती हैं। हम सबको पता है कि प्लास्टिक नष्ट नहीं होता, इसलिए इसका प्रयोग सोच-समझ कर करना चाहिए। यह सिर्फ गायों के जीवन के लिए ही नहीं वरन् पर्यावरण के लिए भी जरुरी है।

निबंध – 3 (500 शब्द)

प्रस्तावना

हमारे शास्त्रों में गायों को माता का दर्जा दिया गया है। गायो को पुजनीय माना जाता है। इसालिए तो भारतीय घरों में घर की पहली रोटी गौमाता को अर्पित की जाती है। प्राचीन समय में गांवो में गायों की संख्या से सम्पन्नता का आकलन किया जाता था।

ऐसा कहा जाता है कि गायों की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। और स्वर्ग में स्थान मिला था। हमारे पुराणों में भी गायों की महिमा का वर्णन किया गया है। पुराण में उल्लेख है कि माता कामधेनु सागर मंथन से प्रकट हुई थी। कामधेनु को सुरभि की संज्ञा दी गयी। कामधेनु को ब्रह्म देव अपने लोक ले गये थे। और फिर लोक कल्याण के लिए ऋषि-मुनियों को सौंप दिया था।

गाय के प्रकार

गाय भिन्न-भिन्न रंग-रुप और आकार की होती है। इनका कद छोटा भी होता है, तो लम्बा भी। इसकी पीठ चौड़ी होती है। जैसे हमारा देश विविध जलवायु लिए हुए है, उसी प्रकार पशु भी अलग-अलग जगहों पर अलग- अलग किस्म के पाएं जाते हैं। गाय भी इसका अपवाद नहीं है।

1) साहीवाल

यह भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रजाति है। यह मुख्यतः उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब प्रांत में पाई जाती है। यह दूध व्यवसायियों की फेवरेट है, क्योंकि यह सालाना 2000-3000 लीटर तक दूध देती है। इसकी देखभाल अच्छी तरह की जाये तो कहीं भी रह सकती है।

2) गिर

यह मूलतः भारत के गुजरात के गिर के जंगलों में पाई जाती हैं। इसी कारण इसका नाम गिर पड़ा। यह भारत की सबसे दुधारु गाय है। यह सामान्यतः दिन के 50-80 लीटर दूध देती है। इसकी इस खासियत के कारण विदेशों में भी इसकी भारी माँग रहती है। इजराइल और ब्राजील में इसे विशेषतः पाला जाता है।

3) लाल सिंधी

इसके लाल रंग के कारण ही इसका नाम लाल सिंधी है। चूंकि सिंध प्रांत इसका मूल स्थान है, लेकिन अब ये कर्नाटक तमिलनाडू में भी पाई जाने लगी है। यह भी सालाना 2000-3000 लीटर तक दूध देती है।

4) राठी नस्ल, कांकरेज, थारपरकर

यह राजस्थान की जानी-मानी नस्ल है। इसका नाम राठस जनजाति के नाम पर पड़ा है। यह हर दिन 6-8 लीटर दूध देती है। कांकरेज राजस्थान के बाड़मेर, सिरौही और जालौर में अधिक मिलती है। वहीं थारपरकर जोधपुर और जैसलमेर में अधिक दिखती है।

5) दज्जल और धन्नी प्रजाति

यह तीनों प्रजातियां पंजाब में पाई जाती हैं। यह काफी फुर्तीली मानी जाती है। धन्नी प्रजाति ज्यादा दूध नहीं देती। किन्तु दज्जल देती हैं।

6) मेवाती, हासी-हिसार

यह हरियाणा की प्रमुख नस्लें हैं। मेवाती का उपयोग कृषि कार्य में ज्यादा किया जाता है। जबकि हासी-हिसार हरियाणा के हिसार क्षेत्र में मिलती हैं।

उपसंहार

गाय का भोजन बहुत ही साधारण होता है। यह शुध्द शाकाहारी होती है। यह हरी घास, अनाज, चारा आदि चीजें खाती हैं। इसे कोई भी साधारण परिवार आराम से पाल सकता है। गायों को मैदानों की हरी घास चरना बहुत पसंद होता है। गाय के दूध से खाने की बहुत सारी चीजें बनती है। गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, छेना और मिठाइयां आदि बनायी जाती है। इसका दूध काफी सुपाच्य होता है। यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, अनेक रोगों से लड़ने की शक्ति देता है।

गाय पर 10 लाइनें – गाय का निबंध 10 लाइन (Gay Par Nibandh 10 Line)-

1. गाय को इंग्लिश में काऊ (Cow) कहा जाता है।

2. गाय एक पालतू जानवर है।

3. हिंदू धर्म के लोग गाय को माँ मानते हैं और उसकी पूजा करते हैं।

4. गाय केवल शाकाहारी भोजन, घास और चारा खाती है।

5. गाय का दूध पीने से हमारे शरीर को ताकत मिलती है।

6. गाय के दूध से घी, दही, मलाई आदि बहुत सी खाने की चीज़ें बनाई जाती हैं।

7. गाय का वजन 400 से 500 किलो तक होता है।

8. गाय के मूत्र से कई आयुर्वेदिक औषधियाँ बनाई जाती हैं।

9. गाय बहुत ही लाभकारी जानवर है।

10. हम सभी को गाय की सेवा और उनकी रक्षा करनी चाहिए।

गाय पर लघु निबंध(150 शब्द)

सभ्यता के आरंभ से ही यह देखा गया है कि गायों को पालतू बनाना और खेती और परिवहन के लिए उनका उपयोग करना मानवता के विकास में एक अभिन्न भूमिका निभाता है। गायें पूरी दुनिया में सर्वव्यापी हैं।

गाय के दो सींग, चार पैर, एक लंबी पूंछ, एक बड़ी नाक, एक जोड़ी आंख और कान होते हैं। एक गाय शाकाहारी है, वे घास, पत्तियों और सब्जियों के आधार पर रहती हैं, और वे स्तनधारी हैं। एक गाय जो सबसे उपयोगी सामग्री पैदा करती है वह है दूध। दूध से हम पनीर, क्रीम, मिठाई जैसे विभिन्न डेयरी उत्पाद बनाते हैं।

गायें बहुत शांत और कोमल होती हैं, और वे कड़ी मेहनत कर सकती हैं, किसान गायों का उपयोग खेतों में घास काटने और दूध बेचने के लिए करते हैं। गाय के गोबर का उपयोग खाद और ईंधन के रूप में भी किया जाता है। हाल के दिनों में इसका उपयोग बायोगैस के रूप में एक स्थायी ऊर्जा स्रोत का उत्पादन करने के लिए किया जा रहा है।

गाय के मांस या बीफ का स्वाद और पौष्टिक मूल्यों के लिए पूरी दुनिया में बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है। इसके अलावा, गायों की खाल की वास्तव में उच्च मांग है क्योंकि इसका उपयोग चमड़े के सामान, जैसे बैग, जूते, दस्ताने, टोपी के उत्पादन के लिए किया जाता है।

संक्षेप में, गायें सभ्यता के विकास का एक बड़ा हिस्सा हैं, और उनके बिना विकास प्रगति नहीं कर सकता।

गाय पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

प्रश्न 1. गाय के कुछ प्राथमिक उपयोग क्या हैं?

उत्तर: गाय घरेलू जानवर हैं जिन्हें अक्सर पशुधन या मांस और डेयरी उत्पादों के रूप में पाला जाता है। उनका उपयोग ड्राफ्ट जानवरों और सवारी करने वाले जानवरों के रूप में भी किया जा सकता है, उदाहरण के लिए, बैलगाड़ियों के लिए, गायों का उपयोग कृषि क्षेत्र में भी किया जाता है जहां उनका उपयोग हल खींचने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 2. खाद्य क्षेत्र में गाय किस प्रकार उपयोगी हैं?

उत्तर: गाय मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी हैं। इनका दूध प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों और शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करता है। शिशु इसे आसानी से पचा सकते हैं। गाय के दूध से बने डेयरी उत्पाद जैसे मक्खन, छाछ, पनीर आदि शाकाहारी भोजन का एक बड़ा हिस्सा हैं।

प्रश्न 3. गाय का गोबर कैसे उपयोगी है?

उत्तर: गाय के गोबर में मीथेन, नाइट्रोजन, फास्फोरस आदि प्रचुर मात्रा में होता है। इसका उपयोग बायोगैस बनाने में किया जाता है, और ग्रामीण भारत में, गाय के उपले का उपयोग रसोई में और खेतों में उर्वरक के रूप में नियमित रूप से किया जाता है।

प्रश्न 4. गाय पर निबंध कैसे लिखा जाता है?

उत्तर: गाय का घी और गोमूत्र अनेक आयुर्वेदिक औषधियां बनाने के काम भी काम आता है। गाय का गोबर फसलों के लिए सबसे उत्तम खाद है। गाय के मरने के बाद उसका चमड़ा, हड्डियां व सींग सहित सभी अंग किसी न किसी काम आते हैं। अन्य पशुओं की तुलना में गाय का दूध बहुत उपयोगी होता है।

प्रश्न 5. गाय क्यों उपयोगी है?

उत्तर: गाय को अमृत जैसे दूध देने व अन्य गुणों के चलते, इसे धरती माता के समान पूज्य माना गया है। इसीलिए गाय को गौ-माता कहा जाता है। (i) गाय एक पालतू पशु है इसलिए इसे घरों में पाला जाता है और सुबह शाम इसका दूध निकाला जाता है एक गाय एक समय में 5 से लेकर 10 लीटर दूध देती है कुछ अलग नस्ल की गाय अधिक दूध भी देती है।

प्रश्न 6. गाय के दूध में क्या पाया जाता है?

उत्तर: गाय के दूध से बना दही, मिठाई और चीज भैंस के दूध की तुलना में कम गाढ़ा और क्रीमी होता है. – भैंस के दूध की मलाई भी बहुत मोटी जमती है और इससे घी भी काफी अच्छा निकलता है. – गाय के दूध में भैंस के दूध की तुलना में फैट, प्रोटीन और कैलोरी की मात्रा कम होती है. कम फैट की वजह से यह आसानी से पचता है.

प्रश्न7- क्या गाय पालतू जानवर है?

उत्तरः हाँ, गाय एक पालतू जानवर है।

प्रश्न8- गाय का वाक्य क्या होगा?

उत्तरः मोहन सोहन की गाय को लेकर नौ-दो ग्यारह हो गया।

प्रश्न9- गाय हमें क्या-क्या देती है?

उत्तरः गाय हमें दूध देती है।

प्रश्न10- गाय के पैर छूने से क्या होता है?

उत्तरः हिंदू धर्म के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवी-देवाताओं का वास होता है और उनके पैरों में सारे तीर्थ का वास माना गया है। गाय के पैर छूने से पुण्य मिलता है।

प्रश्न11- गायों को पालने वाले को क्या कहते हैं?

उत्तरः गायों को पालने वाले को गौ सेवा करने वाला कहते हैं।

प्रश्न12- काली गाय का क्या महत्व है?

उत्तरः हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार काली गाय को घास खिलाने से पापों से मुक्ति मिलती है।

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